जर्नल के विषय में

‘‘शोध गरिमा’’ जर्नल प्रकाशित करने का उद्‌देश्य

प्रत्येक काल में शोध पत्र-पत्रिकाओं का समाज हित में अपना अमूल्य योगदान रहा है। वर्तमान समय में भी बहुत-सी शोध पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही हैं। इसी शृंखला में ‘शोध गरिमा’ जर्नल प्रकाशित किये जाने का विनम्र प्रयास है।

यह शोध जर्नल अन्य शोध जर्नल से इस मामले में भिन्न होगा कि इसमें उन विषयों को शोध का केन्द्र बिन्दु बनाया जायेगा, जो विषय अभी तक अध्ययन का मुख्य विषय नहीं बन पाये हैं, अपितु बनने की दिशा में प्रयासरत हैं। जिसमें विशेष रूप से दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, किन्नर, समाज के हाशिये पर पड़ा कोई वर्ग, व्यक्ति, पिछड़ा वर्ग, सामान्य निर्धन वर्ग, किसान, केवट, मछुआरा, श्रमिक, महिला वर्ग इत्यादि के विषय में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, यथार्थवादी दृष्टिकोण से अध्ययन, विश्लेषण, नये-से-नये तथ्यों का अन्वेषण, उनके आधार पर समाज की मुख्य धारा में मुख्य स्थान दिलाने का प्रयास है। इन सभी बिन्दुओं से जुड़े हुए विभिन्न विषय के विद्वानों, शोधार्थियों के शोध-अभिलेखों को प्रकाशित कर अकादमिक जगत् में योगदान करना है। इसके माध्यम से विद्वानों को अपना शोध-आलेख प्रकाशित करवाने में सुविधा होगी। ‘शोध गरिमा’ जर्नल को ऐसे नवीन अन्वेषण से युक्त शोध-आलेख को प्रकाशित कर अपना योगदान करने में गर्व की अनुभूति होगी। हम भी संवेदना के संवाहक बन सकेंगे और मानवता के कल्याण में हमारा भी योगदान हो सकेगा।

VOl 1 - Jan To Mar
NOT PUBLISHED
Vol 2 - Apr To Jun
NOT PUBLISHED
Vol 3

Volume 1